शास्त्रों के अनुसार मनुष्य के जीवन के 16 महत्वपूर्ण संस्कार बताए गए हैं, इनमें से सर्वाधिक महत्वपूर्ण संस्कार में से एक है विवाह संस्कार। सामान्यत: बहुत कम लोगों को छोड़कर सभी लोगों का विवाह अवश्य ही होता है। शादी के बाद सामान्य वाद-विवाद तो आम बात है लेकिन कई बार छोटे झगड़े भी तलाक तक पहुंच जाते हैं। इस प्रकार की परिस्थितियों को दूर रखने के लिए ज्योतिषियों और घर के बुजूर्गों द्वारा एक उपाय बताया जाता है।
अक्सर परिवार से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए मां पार्वती की आराधना की बात कही जाती है। शास्त्रों के अनुसार परिवार से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या के लिए मां पार्वती भक्ति सर्वश्रेष्ठ मार्ग है। मां पार्वती की प्रसन्नता के साथ ही शिवजी, गणेशजी आदि सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त हो जाती है। अत: सभी प्रकार के ग्रह दोष भी समाप्त हो जाते हैं।
ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कुछ विशेष ग्रह दोषों के प्रभाव से वैवाहिक जीवन पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में उन ग्रहों के उचित ज्योतिषीय उपचार के साथ ही मां पार्वती को प्रतिदिन सिंदूर अर्पित करना चाहिए। सिंदूर को सुहाग का प्रतीक माना जाता है। जो भी व्यक्ति नियमित रूप से देवी मां की पूजा करता है उसके जीवन में कभी भी पारिवारिक क्लेश, झगड़े, मानसिक तनाव की स्थिति निर्मित नहीं होती है।
अक्सर परिवार से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए मां पार्वती की आराधना की बात कही जाती है। शास्त्रों के अनुसार परिवार से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या के लिए मां पार्वती भक्ति सर्वश्रेष्ठ मार्ग है। मां पार्वती की प्रसन्नता के साथ ही शिवजी, गणेशजी आदि सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त हो जाती है। अत: सभी प्रकार के ग्रह दोष भी समाप्त हो जाते हैं।
ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कुछ विशेष ग्रह दोषों के प्रभाव से वैवाहिक जीवन पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में उन ग्रहों के उचित ज्योतिषीय उपचार के साथ ही मां पार्वती को प्रतिदिन सिंदूर अर्पित करना चाहिए। सिंदूर को सुहाग का प्रतीक माना जाता है। जो भी व्यक्ति नियमित रूप से देवी मां की पूजा करता है उसके जीवन में कभी भी पारिवारिक क्लेश, झगड़े, मानसिक तनाव की स्थिति निर्मित नहीं होती है।
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