वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को देव गुरु कहा गया है। गुरु को धर्म, दर्शन, ज्ञान और संतान का कारक माना जाता है। बृहस्पति ग्रह शांति से संबंधित कई उपाय हैं, जिन्हें करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। जन्म कुंडली में बृहस्पति की अनुकूल स्थिति से धर्म, दर्शन और संतान की प्राप्ति होती है। गुरु को वैदिक ज्योतिष में आकाश तत्व का कारक माना गया है। इसका गुण विशालता, विकास और व्यक्ति की कुंडली और जीवन में विस्तार का संकेत होता है। गुरु ग्रह के अशुभ प्रभाव से संतान प्राप्ति में बाधा, पेट से संबंधित बीमारी और मोटापा आदि परेशानी होती है। अगर आप बृहस्पति के अशुभ प्रभाव से पीड़ित हैं तो बृहस्पति ग्रह शांति के लिए ये उपाय करें। इन कार्यों को करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी और अशुभ प्रभाव दूर होंगे।
वेश-भूषा एवं जीवन शैली से जुड़े बृहस्पति ग्रह शांति के उपाय
पीला, क्रीम कलर और ऑफ़ व्हाइट रंग उपयोग में लाया जा सकता है।
गुरु ब्राह्मण एवं अपने से बड़े लोगों का सम्मान करें। यदि आप महिला हैं तो अपने पति का सम्मान करें।
अपने बच्चे और बड़े भाई से अच्छे संबंध बनाएँ।
किसी से झूठ न बोलें।
ज्ञान का वितरण करें।
विशेषतः सुबह किये जाने वाले बृहस्पति ग्रह के उपाय
भगवान शिव की आराधना करें।
वामन देव की पूजा करें।
शिव सहस्रनाम स्तोत्र का जाप करें।
श्रीमद् भागवत पुराण का पाठ करें।
बृहस्पति के लिये व्रत
शीघ्र विवाह, धन, विद्या आदि की प्राप्ति के लिए गुरुवार के दिन व्रत धारण करें।
बृहस्पति शांति के लिये दान करें
बृहस्पति ग्रह से संबंधित वस्तुओं का दान गुरुवार के दिन बृहस्पति के होरा और गुरु के नक्षत्रों ( पुनर्वसु, विशाखा, पूर्व भाद्रपद) में शाम को करना चाहिए।
दान की जाने वाली वस्तुएँ हैं- केसरिया रंग, हल्दी, स्वर्ण, चने की दाल, पीत वस्त्र, कच्चा नमक, शुद्ध घी, पीले पुष्प, पुखराज रत्न एवं किताबें।
बृहस्पति के लिए रत्न
ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह शांति के लिए पुखराज रत्न को धारण किया जाता है। गुरु धनु और मीन राशि का स्वामी है। अतः धनु और मीन राशि के जातकों के लिए पुखराज रत्न शुभ होता है।
श्री गुरु यंत्र
बृहस्पति के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए गुरु यंत्र को गुरुवार के दिन बृहस्पति की होरा एवं इसके नक्षत्र के समय धारण करें।
बृहस्पति के लिये जड़ी
गुरु ग्रह (बृहस्पति) के शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए पीपल की जड़ धारण करें। इस जड़ को गुरु की होरा और गुरु के नक्षत्र में धारण करें।
बृहस्पति के लिये रुद्राक्ष
गुरु ग्रह (बृहस्पति) की शुभता के लिए 5 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभदायक होता है।
पाँच मुखी रुद्राक्ष धारण करने के लिए मंत्र:
ॐ ह्रीं नमः।
ॐ ह्रां आं क्षंयों सः ।।
बृहस्पति मंत्र
बृहस्पति देव से शुभ आशीष पाने के लिए गुरु बीज मंत्र का जाप करें। मंत्र - ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः!
वैसे तो गुरु मंत्र को कम से कम 19000 बार इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए, परंतु देश-काल-पात्र पद्धति के अनुसार कलयुग में इसे 76000 बार करने की सलाह दी गई है।
गुरु की कृपा दृष्टि पाने के लिए आप इस मंत्र का भी जाप कर सकते हैं - ॐ बृं बृहस्पतये नमः!
ऊपर दिए गए बृहस्पति शांति के उपाय बहुत ही कारगर हैं। ये गुरु ग्रह शांति के उपाय वैदिक ज्योतिष पर आधारित हैं, जिन्हें जातक आसानी से कर सकते हैं। यदि कोई जातक विधि अनुसार बृहस्पति को मजबूत करने के उपाय को करता है तो उसे न केवल बृहस्पति के बुरे प्रभावों से मुक्ति मिलती है, बल्कि उसे गुरु और स्वयं ब्रह्मा जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस लेख में आपको बृहस्पति दोष के उपाय के साथ-साथ उन्हें करने की विधि भी बतायी गई है जिसके अनुसार, आप गुरु मंत्र या गुरु यंत्र को स्थापित कर सकते हैं।
ज्योतिष में गुरु को शुभ ग्रह की श्रेणी में रखा गया है। हालाँकि किसी क्रूर ग्रह से पीड़ित होने पर अथवा अपनी नीच राशि मकर में होने पर गुरु के फल नकारात्मक भी हो सकते हैं। यदि आपका गुरु शुभ स्थिति में है अथवा अपनी उच्च राशि (कर्क) में बैठा है तो आप गुरु ग्रह शांति के उपाय कर सकते हैं। इससे आपके ज्ञान में वृद्धि होगी और धर्म कर्म के कार्यों में आपकी रुचि बढ़ेगी। बृहस्पति मंत्र का जाप करने से जातकों को संतान सुख एवं अपने गुरुजनों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
उम्मीद है कि बृहस्पति ग्रह शांति से संबंधित यह लेख आपके लिए लाभकारी एवं ज्ञानवर्धक सिद्ध होगा।
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